Matter : 1437 NOTICE FOR PERMISSION UNDER LAWS OF LICENSING TO ADDL CP, LICENSING



notice for permisson under laws of licansig to addl cp, LICENSING

to,

        the addl cp, LICENSING, Suvashis Choudhary

        First floor of Police Station Defence Colony,

        Near Moolchand Hospital,

        New Delhi -110049

       Office No. 26261525

       Email: addlcp.lic-dl@nic.in



अति सम्मान सहित कथन है:-

1.    लिन्क में व उसके तैहैत दी गई जानकारियों की पूर्ती के लिये

2.    अन्जान,भ्रमित, बेबस, सन्घारी सोच के परिवर्तन, बातचीत, सुरक्षा व लागूकरण की प्रक्रिया की पर्मीसन विधि की पूर्ती हेतु


4.    महोदय श्रिष्टि प्रचण्ड, विराट, अनंत है

5.    आर्यवर्ष के इंद्रप्रस्थ की व्यवस्था बहुत सीमित है

6.    इस लिये पर्मिसन लेने के आपके मौजूदा ओप्संस में प्रचंड व्यवस्था की कानूनी कार्रवाहियों को करने के ऑप्सनस मौजूद नही हैं

7.    जो वर्तमान व्यवस्था विकास के हिसाब से सामान्य है

8.    इस लिए विश्व व्यवस्था के मेघा विकास के लिए

9.    विश्व कानूनी कारावाही का प्रचार व लागूकारण का कारण

10. अलग से लिख कर बताया जा रहा है

11. जो आसानी से आप सहित जन जन की समझ में आने वाली शैली में है

12. आज विश्व व्यवस्था 100 % कर्महीन, कर्तव्यहीन, बेबस हो कर वैध-मानव-संघार यानी पर्ज तक पहुँच चुकी है

13. इसका मतलब 100% मानव को अनजान, निर्दोष, खामोश, बेबस रैहै कर

14. संघार करना व सहना यानी मरना व मारना जारी रखना पडेगा

15. जब तक इन हालातों का समाधान नहीं था, कोई मुकाबला करने वाला नही था, तब तक ये सही था

16. पर अब इसका समाधान व मुकाबला करने वाला मौजूद है

17. इस लिए ये 2012 से विश्व व्यवस्थायी स्तर का एक विश्व मुद्दा बन चुका है कि

18. शान्ति पूर्वक समाधान व मुकाबला करने वाला होते हुए भी संघार व पर्ज होना चाहिए या नही

19. तो हमारी विश्व व्यवस्था बुद्धि ये केहैती है

20. की सृष्टि, विज्ञान व सक्षम प्राणी अनंत है

21. फिर भी आप का तजुर्बा मानते हुए प्रिथ्वी पर मानव संख्या को ६ ७ अरब पर सीमित रकने पर भी हम सहमत हो सकते हैं

22. इसके लिए खुल कर व छुपकर जारी संघार की जरूरत नही

23. हम संघार ख़तम करने के साथ साथ आप की चाहत के अनुसार रिजल्ट देने में सक्षम है.

24. जो व्यवस्था को आश्चर्य जनिक रफ़्तार से सक्षमता विकासता व मेघा स्वरूप प्रदान करता है

25. जो हर इंसान को समानता व नियंत्रण में रख सक्षमता वैभव अमरता प्रदान करता है

26. इस लिए इस कानूनी व्यवस्था को तेज़ व तीब्र करना सही है

27. जिसके लिए अपनी सृष्टि व्यवस्था की

28. आप को नोटिस देना कानूनी उचित व व्यवस्था चलन योग्य है

29. यदि ये मामला आप की योग्यता कार्य व मौजूदा ओप्संस के तेहैत या छोटा होता तो

30. यदि आप इसमें बेबस, खामोश, दोषी साबित ना हुए होते तो

31. हमारे द्वारा आप से इसकी इजाजत लेना उचित बनाता था

32. क्यों की ये मामला आप की जानकारी, सोच, कल्पना, इन्टेलीजेन्सी, दायरे व उद्देश्यो से बड़ा विकास का, कानूनी, व्यवस्थायी, आप से सीनियर विभाग का है

33. इस लिए आप को सूचित करना ही मौजूदा प्रावधानों.विधियों व चलन के तेहैत पर्याप्त है

34. और वैसे भी हमारे द्वारा पर्मीसन के ईमेल तो आप के पास 2010 से पेन्डिग पड़े हुए है

35. इसके अलावा आप सहित धरती पर सभी सरकारों के कानूनन कानूनी अधिकार, शक्तिया, एसेट्स व् टेरेटरीज़ हम पेहेले ही आप से कानूनी कारावाहियों.के तेहैत हरा कर, खामोश कर कर, दोषी साबित कर कर,शांती पूर्वक वसूल कर जितना संभव हो उतना करते रैहैंने के लिए आप को कर्म करते रहने के लिए देते आ रहे है

36. हमें खुशी है की 2008 से हमारी सख्ताई से आप की कर्म हीनता कम हुई है

37. परिणामों. का विकास भी जारी है

38. पर इसका हमारी चाहत अनुसार विकास करने के लिये

39. खुद, अपनो सहित, हर मरने वाले मानव की सुरक्षा के लिए

40. ये कानूनी कारावाहियां करना ज़रूरी हैं

41. इस लिए आप को मौजूदा सभी हालातों. से अवगत करा कर

42. इन कारावाहियों की सूचना देना व्यवस्थाई था

43. जो किया जा रहा है

44. आप के सभी सीनियर्स द्वारा दीया जाता आ रहा सहयोग सराहनीय है

45. शान्ति सहित अनंत रफ़्तार से मौजूदा व्यवस्था के विकास के लिए आप व आप के सीनिअस के सैहैयोग व उदार व्यवहार के लिए धन्यवाद

46. चाहे ऐसा आपके वाक व निरुत्तर होने के कारण किया जा रहा हो

47. पर फिर भी आप का इस विश्व व्यवस्थायी विकाश की कारावाही में धन्यवाद है

48. हम आप का ही विकसित रूप लौ गार्ड भी है

49. अब जब आप के सीनियर हमारे नाम श्याडो से प्रेरित हो इससे मिलते जुलते नामों का इस्तेमाल

50. लैन, म्यूजिक, मूविज़ कन्ट्री, आदि बनाने में लेने ही लगे है

51. हम पर नोटो प्रोपर्टी व एसेट्स आदि की बारिस करते आ रहे है

52. साथ साथ सस्का द्वार धीरे धीरे हम जैसों के पोस्ट्मोर्टम की तैय्यारियां भी कर रहे हैं

53. तो कुछ तो असर होगा ना हमारी कारावाहियों में

54. धरती पर गोरी शल्यैइ व्यवस्थाई वर्ग समानता कि सन्धियां करने के बाद भी अन्य वर्गों से खुद को अलग, आदेशी, शक्तिशाली, शिक्षित, आगे, सम्मानित बनाये रखने के दुश प्रयास जारी रकने के बाद भी सन्घार व पर्ज को जारी रखे हुये है जो गलत है

55. वर्तमान विश्व कानून के तैहैत हर देश की व्यवस्था में उस देश का मूलवासी ही उस देश का प्रधान है

56. और एम्बेसी के माध्यम से अन्य देश वासियों की जो उसके देश में है सुरक्षा करेगा

57. पर सन्घारी उस मूल देशवासी की प्रधानता को एम्बेसी सन्धी या अन्य विधि के माध्यम से मिटाने, न्यून करने, खतम करने, गुलाम बनाने, अपमानित करने, बेअसर करने, छुपाने, लुप्त करने, प्रभावित करने, इन्फ़्लुन्स करने, लाचार करने, जखमी करने, सन्घार करने, के दुशमन्सूबे लागू करने के प्रयत्न करेगा तो उस मूल देश वाशियों द्वारा सन्धी को पुन: सन्सोधित व खन्डित कर व्यवस्था में अपनी प्रधानता बनाये रखने के यथा सम्भव प्रयास करना, कानूनी कारावाहियां करना उचित वीरता, पुरुस्कार योग्य, व कानूनी है शिक्षा व उदाहरण देने योग्य है

58. तो कुछ तो सही, व्यवस्थायी, फ़ेमस, सहयोगी, या ख़ास होगा ना हम में

59. जीवन में कर्तव्यहीन होने पर जितना मिला उतने में खुश तो रहना पडता ही है

60. ये ब्रिटिस सोच है

61. और हम टोप औफ़ ब्रिटिस

62. सृष्टि प्राणी न्याय व्यवस्थापक

63. श्रीपक

64.श्याडो

















2nd Matter : 1337 NOTICE FOR PERMISSION UNDER LAWS OF LICENSING TO ADDL CP, LICENSING
https://theworldcourtofshyawhdo.blogspot.com/2019/12/matter-1337-notice-for-permission-under.html
https://www.youtube.com/watch?v=IVMquMDUQZY&list=PLxhnpe8pN3TkfWAap0T-xFs8OyaOIjX1u&index=1


Comments

Popular posts from this blog

Matters