Matter : 1442 72. विश्व में प्रत्येक जिम्मेदार, दोषी महिला को 73. प्रत्येक सिन्गल, पीढित पुरुष के साथ 74. मौजूदा प्रावधानों के किसी भी एक, या एक से ज्यादा प्रावधानों के तैहैत रखे 75. हिन्सक, फ़्लडी, धोखेबाज़, लुटेरी, आतन्की, मांसाहारी, जुआरी, शराबी, ड्रगैडिट, देहव्यापारी, गुलामदार, दुराचारी, कुव्यवसायी, अविश्वस्नीय, बतोकडी, महिलाओं को ऐसे प्रशिक्षित पुरुष के साथ रखा जाये जो इन्हें बिना पुलिस, कोर्ट, सरकार को डिस्टर्ब किये इन दोषी महिलाओं को व्यवस्थित रख परम-आनन्द सहित सुखमय जीवन व्यतीत कर सके


Judgment



MATTER: 1442/12/01/2020

पुरुष वर्ग वर्सेज़ महिल वर्ग

MISCELLANEOUS il, N, S, D, F laws

p.s.pull prahladpur

new delhi 110044

  1. विवरण व साक्ष्य 
  2. आज महिलाओं द्वारा 
  3. धरती पर 
  4. पुरुषों को इस्तेमाल कर 
  5. स्लो पोइज़न खिला 
  6. झूठे आरोप लगा
  7. मैन्टली डिसेबल बना 
  8. उसके एसेट्स नाम, कारोबार, सन्तानें, सम्बन्धी, विरासत, तख्तोताज़, लूट
  9. कन्गाल, पादरी, सन्त, फ़कीर, पुजारी, महन्त, पीठाधीश, भिखारी, स्ट्रीटमेड, फ़टेहाल, दरिद्र, पागल, लूला, लगडा, अन्धा बैहैरा, कोडी, असक्षम, कुबडा, बदसूरत, मुजरिम, बीमार आदि बना
  10. कतल कर 
  11. क्लीन चिट ले 
  12. आपराधिक जीवन जिया जाता आ रहा है
  13. इन दोषी महिलाओं की हिम्मत व अपराधों का अनुमान इस बात से लगाया जा सकता है कि 
  14. इन्होंने अपने ही वर्ग के लीडर्स गान्धी, नेहैरू, सन्जय, राजीव, जैसे धुडन्धडों का जनाजा निकाल डाला
  15. और डेविड, बोरिस, प्रिन्स, वाड्रा, राहुल, अखिलेश व अपने ही पार्टी के पुरुष वर्ग का जनाजा निकालने की तैय्यारियां जारी रखी हुई है
  16. फ़िर विपक्षी वर्गों के पुरुषों की तो गिनती ही किसमें है 
  17. उनका तो कोई रिकोर्ड ही नहीं है
  18. खास बात ये है कि ये सब सरकारी काम के नाम पर किया जा रहा है
  19. जो नेसन, जी, नैसनल, स्टेट, डिस्टिक, फ़ैमिली लौज़ को तोडना है
  20. हालात ये हैं कि यदि लडकी वालों के पक्ष को ये पता चल जाये कि उपर 2 से 12 तक कहे गये षडयन्त्र के अपराधों को करने में वह सफ़ल नहीं हो पायेंगे तो वह बात ही नहीं करते 
  21. लडके वालों की बात ही नही सुनता 
  22. लडके को देखता तक नहीं 
  23. लडके के साथ शादी तो बहुत दूर की कौडी है
  24. और अगर गलती से शादी हो चुकी है तो शादी तोड देता है 
  25. और अगर लडके वाला पक्ष शरीफ़, कमजोर, शर्म, हया, इज्जत का खयाल रखने वाला, अन्जान, कारोबारी, अकेला, लडकी के पक्ष से अमीर हुआ 
  26. तो शादी के बाद उपर 2 से 12 तक कहा गया महिलावाद जारी रैहैता है
  27. धीरू भाई अम्बानी व उनके दौनौ पुत्र, प्रोफ़ैसर हार्ड्वर्ड, आदि इस बात की जीती जागती मिसाल हैं, 90*% विवाहित पुरुषों के साथ ये जारी है 
  28. आज धरती पर रामराज यानी राजतन्त्र को महिलावाद ने दबा रक्खा है
  29. जब भी कोई राम, बुद्ध, जीसस, मुहोम्मद, गुरुगोबिन्द की राह चल राजतन्त्र को स्थापित करने के प्रयास करता है 
  30. उससे पहले ही उसे भांप कर सन्दिग्ध मान 1 से 11 तक कहे गये के अनुसार धोर अपराध शुरू कर दिये जाते हैं,
  31. चिकित्सा, दन्ड, बचाव व युद्ध के नाम पर ये जारी है
  32. एक बार को हमें भी लगा कि ये ही अन्तिम उपाय व सही है 
  33. पर फ़िर कमी व इसका उपाय मिला
  34. काम, जांबाज़ी, लगन, निष्ठा, समानता, सक्षमता, अनुशासन, ब्रम्ह्चर्य, आस्तिकता, मानवता, निडरता, सत्यता, शक्ति की कमी
  35. ये सिर्फ़ पुरुष वर्ग ही कर सकता है 
  36. आज महिला वर्ग फ़्लड, दुराचरण, देहव्यापार, कुव्यवसाय आदि अपराधों के माध्यम से 
  37. ये सब पुरुषों से करा सन्घारी जीवन व्यतीत कर रहीं हैं
  38. आज महिलावाद ने पुरुषों को 10 साल से 2 सन्तानों तक इस्तेमाल करने के लिये चुना है
  39. कुछ हाईक्लास ने तो लिव इन के द्वारा शादी की जिम्मेदारियों से 100% तक पल्ला झाड लिया है ये अपराध हैं कोई लीगल चोइस नहीं 
  40. पन्ग्ती 38 अनुसार पुरुषों के 8 घन्टे सोने, 2 धन्टे दिनचर्या, 8 घन्टे जीविका काम, 2 घन्टे आराम 2 घन्टे न्यूज़ हाल चाल जानने में प्रति दिन में निकल जाते हैं सिर्फ़ 2 घन्टे पत्नी के साथ मिल पाते हैं, इसमें भी पत्नी बेबस व बिजी होती है तो 1 घन्टा औसतन यहां खतम हो जाता है यदि 10 साल वह पति के साथ रहती है तो 10*365=3650*1=3650/24 =152 दिन ही वह पुरुष के साथ रहती है और पुरुष के कतल के बाद सब की मालिकिन बन जाती है
  41. जो दुकानदार हैं उन्हें तो ये 1 घन्टा भी नहीं मिलता 
  42. यदि कोई पूंछे कि तो बच्चे कैसे पैदा हो गये, तो ये तो उनके षडयन्त्र के तैहैत एक मामूली स्टन्ट है जो सन्तान, तख्तोताज़, विरासत, लूट के समय सामने आ जाता है / बदल जाता है  
  43. इसी तरह ये दोषी वर्ग खुद को एक पुरुष-परिवार, राजा-राज्य, नेता-राष्ट्र, ग्लोबल लीडर-अन्तर्रास्त्रीय लीडर, तक खुद को ले जा चुका हैं 
  44. इसी तरह दोषी महिलाओं ने ऊपर 2 से 12 तक बताये के अनुसार सन्घारी जीवन जीना जारी रखा है 
  45. ये सब इस लिये जारी है 
  46. क्यों कि उस महिला ने खुद को विश्व व्यवस्थापक व सरकारी घोषित कर आधिकारिक होने का षडयन्त्र पागल खाने भेज, जेल भिजवा, हत्यायें कर जारी रखा है
  47. पर सत्य उपर 2 से 12 तक बताया जा चुका है 
  48. सबूत इन मुद्दों को दबाने भुलाने के लिये इनके प्रदर्शन, आन्दोलन, दैहैशतें, डिवाइड एन्ड रूल यानी लडाओ, सन्घार कराओ, राज करो षडयन्त्र जारी है
  49. खुद इनके अपने वर्ग के लोगों के सहित 114 हत्या हर मिनट जारी हैं 
  50. महिलाओं इनके समर्थकों, इनके फ़्लड से फ़ंसे बोयेज़ व इनके तैहैत सन्तानों को सरकारों द्वारा न्याय के नाम पर लग्ज़री-जीवन, सामान, नाम, शौहरत, वैभव, सुविधायें लडका-पक्ष, धन, छुट, फ़्री, अपराध छूट, देना व पुरुष पक्ष से ये सब लूटना जारी हैं
  51. ऐसा होना पुरुषों के प्राक्र्तिक, धार्मिक, मानवीय, साम्विधानिक, विधिक अधिकारों की लूट व पुरुषों की भावनाओं व क्षमताओं का ध्वष्तीकरण है
  52. जो असहनीय, दण्डयोग्य, विश्व व्यवस्था विकास योग्य, विश्व स्तरीय समान अधिकार व दण्ड प्रदान करने योग्य मैटर है
  53. निर्णय व आदेश
  54. हालात इतने बिगड चुके हैं कि 
  55. पुरुषों द्वारा 
  56. अपना तन, मन, धन, सम्पत्ती, प्राण, प्रतिष्ठा, आत्मा आदि
  57. 100% दे कर भी 
  58. अपना 001 % तक अधिकार प्राप्त करना असम्भव हो गया है
  59. 257 देशों के पुरुष प्रमुख भी खुद को बेबस व असहाय मान ईश्वर से अवतार को प्रिथ्वी पर भेजने की प्रार्थना कर रहे हैं 
  60. सब को डर है कि कभी कोई उस पर भी रेप व आतन्की होने का पोस्टर ना लगा कर उसे भी फ़ांसी ना चढा दे 
  61. इसका विपरीत / दुष: परिणाम ये हो सकता है / होने वाला है कि
  62. पुरुष वर्ग अपना डर, धैर्य, सभ्यता, हौसला आदि सब गवा 
  63. भीम की तरह इनके सीने युद्ध मैदान में चीरेगा 
  64. मौजूदा कुव्यवस्थापकों को अपना अधीन बना 
  65. जिम्मेदार महिला वर्ग को 
  66. बलात्कार, यातना, गुलामी व निर्दयता से हत्यायें कर बची कुची व्यवस्था को भी समाप्त कर देगा
  67. इस लिये ऐसे विश्व विनाशक भेदभावी हालातों में यदि जल्द ही कुछ स्थाई, प्रभावी, साम्विधानिक, विधिक, उपाय ना किया गया तो 
  68. बची कुची विश्व व्यवस्था को बचाने, विकास करने के अधिकार व अवसर पुरुष पक्ष के हाथों से चले जायेंगे 
  69. इस लिये इस महिलावाद को रोक 
  70. शान्ति व्यवस्था व विकाश जारी रखने के लिये
  71. विश्व में इन उद्देश्यों के लिये विधिवत नियुक्त सभी ओफ़्फ़िसर्स, मिनिस्टर्स, प्रेसिडेन्ट्स, एजेन्सीज़, इन्स्टिट्यूट्स आदि को ये आदेश दिया जाता है कि:-
  72. विश्व में प्रत्येक जिम्मेदार, दोषी महिला को
  73. प्रत्येक सिन्गल, पीढित पुरुष के साथ 
  74. मौजूदा प्रावधानों के किसी भी एक, या एक से ज्यादा प्रावधानों के तैहैत रखे
  75. हिन्सक, फ़्लडी, धोखेबाज़, लुटेरी, आतन्की, मांसाहारी, जुआरी, शराबी, ड्रगैडिट, देहव्यापारी, गुलामदार, दुराचारी, कुव्यवसायी, अविश्वस्नीय, बतोकडी, महिलाओं को ऐसे प्रशिक्षित पुरुष के साथ रखा जाये जो इन्हें बिना पुलिस, कोर्ट, सरकार को डिस्टर्ब किये इन दोषी महिलाओं को व्यवस्थित रख परम-आनन्द सहित सुखमय जीवन व्यतीत कर सके
  76. 2 से 12 तक जो भी पुरुष जिन्दा है उन्हें उनके या उनके लुटे हुये/ पूर्वजों के/ उनके घरों में, उनके कारोबार, उनकी विवाहिताओं, बहुओं, बेटियों आदि सहित स्थापित कर उनकी जिम्मेदरियां निभवाने के लिये रीइन्स्टिट्यूट किया जाता है
  77. बाजार के मूल्य से नुकसान का आंकलन कर इन महिलाओं व इनके सहायकों की आज़ादी, एसेट्स, सम्पत्तियां आदि जब्द कर पुरुष वर्ग के नुकसान की पूर्ती की जाये, 
  78. आदेश के उलन्घन पर विश्व व्यवस्थाई कारावाहियों के तैहैत विद्यालय, कैम्पस, होस्टल, बोर्डिग, निकेतन, सेल्टर, आश्रम, इन्स्टिट्यूटस,कैम्प, लोकप, जेल, घर, बैन्केट होल, स्टेडिअम फ़ैक्ट्री, दुकानों, गोदामों, मौलों, स्टूडियों आदि स्थानों में यातना सहित पन्ग्ती 34 के अनुसार सभी सिखाया व कराया जाये 
  79. जिन जिन पुरुषों के सुहाग अधिकार जिन जिन महिलाओं ने लूटे उन्हें सुहाग अधिकार की पूर्ती हेतु पीढित व बेबस पुरुषों के सुपुर्द किया जाये 
  80. साथ ही आदेश के दुरुपयोग को रोकने के लिये मौजूदा महिलाओं की सुरक्षा के कानूनों को और सख्ताई से लागू किया जाये, खास कर पुरुषों द्वारा जिम्मेदारियों से बचने की सोच के साथ, बैहैला फ़ुसला, सौदे द्वारा, अवैध साधनों व बल द्वारा, जबर्जस्ती, बिना सहमति, बिना महिला के पिता भाई पति सहमति, बिना विवाह, सगाई, ट्रूलव, ट्रूफ़्रन्ड्शिप, आदि विभिन्न माध्यमों से महिला सुख भोगना,
  81. विश्व में आज तक महिलाओं की सुरक्षा के लिये जो जो विधि विधान व प्रावधान मौजूद हैं वे पुरुषों के लिये भी हूबहू मान्य किये जाते हैं अब पुरुष वे सभी आरोप जो महिला अक्सर पुरुष पर लगाती है वह पुरुष महिला पर लगा सकेगा सजा वही होगी जो महिला द्वारा पुरुष पर आरोप लगाने पर लागू होती है

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